Read this article in Hindi to learn how to derive the iso-cost line on the iso-product curve.

एक दी हुई सम-लागत रेखा एक दिये गये लागत व्यय (Cost Outlay) के अन्तर्गत उपलब्ध दो उत्पत्ति साधनों के विभिन्न संयोगों को बताती है ।

चित्र 9 में RS, R1S1 तथा R2S2 उत्पादक के तीन लागत व्ययों (Cost Outlays) को स्पष्ट करती हैं । RS लागत व्यय Rs. 200 को बताती है । यदि साधन X की प्रति इकाई कीमत Px है तो उत्पादक साधन X की अधिकता clip_image034_thumb1 अर्थात् OS इकाइयाँ खरीद सकेगा ।

इसी लागत व्यय Rs. 200 होने पर यदि साधन Y की प्रति इकाई कीमत Py होने की दशा में वह साधन Y की अधिकतम अर्थात् OR इकाइयाँ खरीद सकेगा । इस प्रकार उत्पादक के पास बिन्दु R तथा S के रूप में दो उच्चतम साधन उपलब्धताएँ हैं । यदि इन दोनों बिन्दुओं को मिला दिया जाये तो रेखा RS के रूप में हमें साधन कीमत रेखा अथवा सम-लागत रेखा प्राप्त होती है ।

यदि साधन X तथा साधन Y की कीमतें Px तथा Py स्थिर रहें तो लागत व्यय Rs. 400 हो जाने पर साधन कीमत रेखा R1S1 तथा लागत व्यय Rs. 600 हो जाने पर साधन कीमत रेखा R2S2 हो जाती है । यह सभी साधन कीमत रेखाएँ परस्पर समानान्तर होंगी क्योंकि साधनों की कीमत स्थिर रहते हुए लागत व्यय में परिवर्तन हो रहा है ।

लागत व्यय जितना अधिक होगा, साधन कीमत रेखा उतनी ही ऊँची होगी अर्थात् साधन कीमत रेखा साधन कीमत स्थिर रहने पर लागत व्यय में वृद्धि के साथ मूल बिन्दु से दूर होती जायेगी (समानान्तर रूप से) तथा लागत व्यय में कमी होने पर समानान्तर रूप से मूलबिन्दु की ओर स्थानान्तरित होती जायेगी । दूसरे शब्दों में, साधन कीमत स्थिर रहने पर लागत व्यय का परिवर्तन, साधन-कीमत रेखा के ढाल (Slope) में कोई परिवर्तन नहीं करता ।

साधन कीमत रेखा का ढाल = (ऋणात्मक चिन्ह केवल घटते ढाल का सूचक है, अतः हटाया जा सकता है ।)

इस प्रकार, साधन कीमत रेखा का ढाल साधनों की कीमतों के अनुपात को बताता है (Slope of an Iso-cost line indicates the ratio of the prices of the inputs) ।

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साधन कीमत रेखा के दो अन्य परिवर्तित रूप हो सकते हैं ।

जो निम्नलिखित हैं:

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(1) लागत व्यय तथा साधन Y की कीमत स्थिर रहें किन्तु साधन X की कीमत में परिवर्तन (वृद्धि या कमी) हो जाये ।

ऐसी दशा में यदि अन्य घटकों (लागत व्यय एवं साधन Y की कीमत) के स्थिर रहने पर साधन X की कीमत में वृद्धि हो जाती है तब साधन कीमत रेखा का X-अक्ष का बिन्दु S मूलबिन्दु की ओर बिन्दु S1 पर स्थानान्तरित होगा जबकि Y-अक्ष वाला बिन्दु R अपनी जगह स्थिर रहेगा क्योंकि साधन X महँगा (Costly) हो जाने पर उत्पादक उसी लागत व्यय से अब साधन X की कम मात्रा खरीद पायेगा [देखें चित्र 10(A)] |

अन्य घटकों के स्थिर रहते हुए साधन X की कीमत में कमी की दशा में साधन कीमत रेखा का X-अक्ष का बिन्दु S मूलबिन्दु से दूर बिन्दु S2 पर स्थानान्तरित हो जाएगा क्योंकि साधन X के सस्ता होने पर उत्पादक उतने ही लागत व्यय से अब अधिक साधन X की मात्रा खरीद पायेगा [देखें चित्र 10(B)] |

(2) लागत व्यय तथा साधन X की कीमत स्थिर रहे किन्तु साधन Y की कीमत में परिवर्तन (वृद्धि या कमी) हो जाये ।

ऐसी दशा में साधन Y की कीमत में वृद्धि होने पर साधन कीमत रेखा का Y-अक्ष का बिन्दु R मूलबिन्दु की ओर R1 बिन्दु पर स्थानान्तरित हो जायेगा जबकि साधन कीमत रेखा का X-अक्ष का बिन्दु स्थिर रहेगा [देखें चित्र 11(A)] |

साधन Y की कीमत में कमी होने पर साधन कीमत रेखा का Y-अक्ष का बिन्दु R मूलबिन्दु से दूर R2 पर स्थानान्तरित हो जायेगा जबकि X-अक्ष का बिन्दु अपनी जगह स्थिर रहेगा [देखें चित्र 11(B)] |