Read this article in Hindi to learn about the economic nature of South America.

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप उपजाऊ भूमि, घास के मैदान, जल एवं वन सम्पदा जैसे प्राकृतिक साधनों से सम्पन्न है । इनके अलावा इस महाद्वीप में महत्वपूर्ण खनिजों के भी बहुत बडे भंडार हैं । इन संसाधनों के आधार पर इस महाद्वीप में उद्योगों का कैसा विकास हुआ है और महाद्वीप में यातायात, व्यापार और जनजीवन के विकास की क्या स्थिति है ?

कृषि:

दक्षिण अमेरिका के पूरे क्षेत्रफल में से कुल 10 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है । अधिकांश भाग अर्जेन्टाइना और उरूग्वे देशों में फैला है । मध्य चिली में भी उपजाऊ भूमि है । इसके साथ ही घास के मैदानों में भी कृषि की जाती है, जो कम उपजाऊ हैं ।

गेहूँ और मक्का दक्षिण अमेरिका के प्रमुख खाद्यान्न हैं । गेहूँ का उत्पादन शीतोष्ण जलवायु के क्षेत्रों में अधिक होता है । अर्जेन्टाइना और चिली प्रमुख गेहूँ उत्पादक देश हैं । मक्का का उत्पादन उष्ण जलवायु और पर्याप्त वर्षा वाले भागों में होता है ।

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ब्राजील और अर्जेन्टाइना, मक्का के प्रमुख उत्पादक देश हैं । मूल रूप से मक्का दक्षिण अमेरिका की फसल है, जो बाद में संसार के अनेक देशों में पहुंची । मक्का के उत्पादन में संसार में तीसरा स्थान ब्राजील का और चौथा स्थान अर्जेन्टाइना का है । महाद्वीप की प्रमुख नगदी फसलों में कहवा (कॉफी), गन्ना, कोको और केला हैं । इनके अलावा अन्य नगदी फसलों में कपास, तम्बाकू, रबड़, फल और आलू हैं । सर्वाधिक कहवा उत्पादन के कारण ब्राजील को ‘कहवा का घर’ कहा जाता है ।

दक्षिण अमेरिका में कहवा और गन्ना के बड़े-बड़े रोपण-क्षेत्र हैं, जहाँ इनका भारी मात्रा में उत्पादन होता है ।

कहवा (कॉफी) उत्पादन में संसार में ब्राजील का पहला और कोलम्बिया का दूसरा स्थान है । इसके अलावा इक्वेडोर, पेरू और सुरीनाम में भी कहवा होता है । कपास के प्रमुख उत्पादक देश ब्राजील, अर्जेन्टाइना, पराग्वे और पेरू हैं । गन्ने का उत्पादन संसार में ब्राजील में सबसे अधिक है ।

बोलीविया, गायना, पेरू, सुरीनाम और अर्जेन्टाइना में भी गला खूब होता है । इक्वेडोर, संसार का सबसे अधिक केला उत्पादन करने वाला देश है । दक्षिण अमेरिका में बड़े-बड़े फार्मों और बागानों के मालिक कुछ गिने-चुने धनी व्यक्ति हैं । इनमें काम करने वाले खेतिहर मजदूरों (निर्धन वर्ग) की संख्या यहाँ अधिक है ।

दक्षिण अमेरिका के प्रमुख कृषि उत्पादक देशों और फसलों की जानकारी निम्नानुसार है:

i. गेहूँ:

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अर्जेन्टाइना, चिली, पराग्वे ।

ii. चावल:

बोलीविया, ब्राजील, इक्वेडोर, गायना, पेरू, सुरीनाम, उरूग्वे ।

iii. मक्का:

ब्राजील, बोलीविया, इक्वेडोर, पराग्वे, अर्जेन्टाइना ।

iv. आलू:

बोलीविया, इक्वेडोर, अर्जेन्टाइना, पराग्वे, पेरू ।

v. रसीले फल:

अर्जेन्टाइना, चिली, इक्वेडोर, पराग्वे, सुरीनाम, उरूग्वे ।

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vi. केला:

इक्वेडोर, बोलीविया, ब्राजील ।

vii. तम्बाकू:

ब्राजील, पराग्वे, उरूग्वे ।

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viii. कपास:

ब्राजील, अर्जेन्टाइना, पराग्वे, पेरू ।

ix. कोको:

ब्राजील, इक्वेडोर ।

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x. गन्ना:

ब्राजील, इक्वेडोर, पेरू, सुरीनाम ।

xi. रबर:

ब्राजील ।

xii. सोयाबीन:

अर्जेन्टाइना, ब्राजील ।

पशुपालन एवं भेड़पालन उद्योग:

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दक्षिण अमेरिका में घास के बड़े-बड़े मैदान हैं, जिनमें पशुपालन एवं भेड़पालन का कार्य उद्योग के रूप में बडे पैमाने पर होता है । यह उद्योग महाद्वीप के उत्तर में ओरीनीको नदी की घाटी में लानोज के घास के मैदानों में वेनेजुएला देश में होता है ।

महाद्वीप के मध्य भाग में पंपास के मैदानों में बोलीविया, ऊरूग्वे, पराग्वे और अर्जेन्टाइना में पशु एवं भेड़पालन बडे पैमाने पर होता है । यहाँ गाय, बैल, भेड़, बकरी, सुअर तथा घोड़े पाले जाते हैं । पशुओं से प्राप्त सामग्री में दूध, मांस, चमड़ा और ऊन का भारी उत्पादन होने से इनका निर्यात अर्जेन्टाइना, उरूग्वे, बोलीविया, पराग्वे आदि देशों से किया जाता है । यहाँ अर्जेन्टाइना सबसे बड़ा पशुपालक देश है और उरूग्वे ऊन उत्पादन में संसार में दूसरे स्थान पर है ।

मत्स्य उद्योग:

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के चारों ओर समुद्र तट होने से यहाँ मछलियों के विपुल भंडार हैं । पश्चिम में प्रशांत महासागर के तटों पर मछलियाँ भारी मात्रा में मिलती हैं । पेरू में मछली पकड़ने का उद्योग बहुत विकसित है । पेरू संसार के अग्रणी मछली उत्पादक व निर्यातक देशों में हैं ।

संसार के कुल मछली उत्पादन का पाँचवा भाग दक्षिण अमेरिका महाद्वीप से प्राप्त होता है । इतनी मछलियों की खपत यहाँ न होने से भारी मात्रा में इन्हें विदेशों को निर्यात किया जाता है । महाद्वीप के चारों ओर समुद्र तटों के अतिरिक्त नदियों से भी मछलियाँ पकड़ी जाती हैं ।

वन एवं वनोद्योग:

दक्षिण अमेरिका का बहुत बड़ा भाग वनों से ढँका है । अमेजन नदी की बेसिन में उष्ण कटिबन्धीय कठोर लकड़ी के वर्षा वन है । इन वनों में एक ही स्थान पर अनेक प्रकार की लकड़ियों के पेड़ पाये जाते हैं । अत: किसी एक प्रकार की लकड़ी के पेड़ों की कटाई में समय और श्रम अधिक लगता है तथा ढुलाई में भी अधिक व्यय होता है ।

इस असुविधा के कारण लकड़ियों की कीमत बढ़ जाती है । इन वनों में अधिक घनापन और दल-दली भूमि होने से आवागमन के साधनों का विकास नहीं हो पाया है । इन्हीं कारणों से इन वनों का पूर्ण उपयोग मानव हित में नहीं हो पा रहा है ।

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ब्राजील में पैदा होने वाले कार्नोवा प्रजाति के ताड़ वृक्ष से मोम प्राप्त होता है जिसका उपयोग जूता पॉलिस, फर्नीचर पॉलिस और मोमबत्ती बनाने में किया जाता है । सिनकोना वृक्ष की छाल से कुनैन नामक दवा तथा चिकिल वृक्ष से चुइंगम बनाई जाती है । अमेजन नदी की घाटी रबड़ वृक्ष का मूल स्थान माना जाता है ।

यहाँ जंगली रबड़ के वृक्ष प्राकृतिक रूप से भारी मात्रा में उगते हैं । घने जंगलों में ये वृक्ष रबड़ अन्य वृक्षों के बीच-बीच में पाये जाते हैं । इससे रबड़ इकट्‌ठा करने में अधिक व्यय होता है और यहाँ की रबड़ महंगी पड़ती है । संसार के अन्य भागों में बागानों में रबड़ उगाई जाती है जो अपेक्षाकृत सस्ती होती है । इस कारण से ब्राजील की रबड़ की माँग घटती जा रही है ।

मध्य चिली में भूमध्य सागरीय सदाबहार वनों में ओक, अखरोट, चेस्टनट, अंजीर के हल्की लकड़ी के वन हैं जिनकी लकड़ी फर्नीचर में काम आती है । दक्षिणी चिली के शीतोष्ण मिश्रित वनों की चीड़ और बीच की लकडियाँ भी उपयोगी हैं ।

दक्षिणी अमेरिका के वनों के विशेष वृक्ष:

1. कार्नोवा जाति के ताड़ वृक्ष से मोम प्राप्त होता है ।

2. सिनकोना के वृक्ष से कुनैन मिलती है ।

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3. चिकिल नामक वृक्ष से चुइंगम बनती है ।

खनिज, ऊर्जा संसाधन एवं उद्योग:

दक्षिण अमेरिका के अधिकांश देश कृषि, खनिज सम्पदा और छोटे उद्योगों के आधार पर अपने चहुंमुखी विकास का प्रयत्न कर रहे हैं । बडे शहरों में खुल रहे नये-नये बडे कारखानों में काम करने हेतु अब गाँवों के लोग भी पहुंच रहे हैं, जिससे शहरी जनसंख्या में वृद्धि हो रही है ।

दक्षिण अमेरिका में विविध प्रकार के खनिजों के विशाल भंडार हैं । कच्चे लोहे के भारी भंडार ब्राजील में हैं तथा चिली, पेरू और वेनेजुएला में लोहा उत्पादन होता है । चिली संसार का सबसे बड़ा ताँबा उत्पादक एवं निर्यातक देश है । अर्जेन्टाइना, ब्राजील, इक्वेडोर, पेरू और वेनेजुएला में भी ताँबा मिलता है । ब्राजील संसार का चौथा बड़ा बाक्साइट उत्पादक देश है ।

दक्षिणी अमेरिका के महत्वपूर्ण खनिजों के उत्पादन की सूची निम्नांकित हैं:

दक्षिण अमेरिका में उपरोक्त खनिजों के अलावा सीसा, जस्ता, पन्ना, गन्धक, एन्टीमनी, यूरेनियम, प्लेटिनम आदि का भी उत्पादन होता है । दक्षिण अमेरिका में ऊर्जा संसाधनों में खनिज तेल प्राकृतिक गैस और जल विद्युत हेतु जल के भंडार हैं ।

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यद्यपि महाद्वीप में खनिजों का उत्पादन बहुत है परंतु उत्पादन की तुलना में खनिजों पर आधारित उद्योगों की कमी है । महाद्वीप में आवागमन के साधनों का अभाव पूंजी की कमी और तकनीकी ज्ञान का अभाव इसके कारण हैं । यहाँ से अनेक खनिजों का निर्यात किया जाता है ।

उद्योग:

ब्राजील में बडे उद्योगों का विकास हुआ है । इनमें मोटरकार निर्माण, पोत निर्माण, ट्रेक्टर, कृषि यंत्र, सीमेन्ट, वस्त्र, चीनी, कागज निर्माण तथा धातु और रसायन उद्योग प्रमुख हैं । साओपोलो, सेंटोस, रियोडीजेनरो प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं ।

यातायात एवं व्यापार:

यातायात के साधनों की दृष्टि से दक्षिण अमेरिका एक पिछड़ा हुआ महाद्वीप है । महाद्वीप के बहुत बड़े भाग में उष्ण कटिबन्धीय घने वन और एण्डीज पर्वतमाला का विस्तार होने के कारण यहाँ रेल व सड़क मार्गों का विकास बहुत कम हुआ है ।

पठारी भागों और घास के मैदानों में ऐसी ही स्थिति है । यातायात के स्थलीय साधनों के अभाव में बडे उद्योगों का विकास भी कम हुआ है । ब्राजील जैसे बडे और विकासशील देश में केवल दक्षिणी पूर्वी भाग में ही सड़कों और रेलों का विकास हुआ है और इसी से वहाँ बड़े उद्योगों का विकास भी हुआ है ।

अर्जेन्टाइना में रेलमार्गों की सबसे अधिक लम्बाई है । ब्यूनसआयर्स (अर्जेन्टाइना) से वालपेराइजो (चिली) जाने वाला ट्रांस एडियन रेलमार्ग संसार के बहुत ऊंचाई से गुजरने वाले रेलमार्गों में से एक है । महाद्वीप के अन्य देशों में भी यातायात का विकास कम है ।

यातायात के साधनों के अभाव में यहाँ व्यापार का विकास भी कम हुआ है । महाद्वीप की समुद्री तट रेखा बहुत लम्बी होने के कारण जलमार्ग व्यापार का महत्वपूर्ण साधन है । महाद्वीप के बोलीविया और पराग्वे को छोड़ कर प्राय: सभी देशों में उपयोगी बन्दरगाह हैं ।

कुछ महत्वपूर्ण व्यापारिक बन्दरगाहों में रियोडीजेनरो, सेंटोस, ब्यूनसआयर्स, मांटेवीडियो, ऐंटाफैगस्टा, वालपैराइजो, जार्जटाउन आदि हैं । बन्दरगाहों के अलावा ब्रासीलिया (ब्राजील की राजधानी), सेंटियागो (चिली की राजधानी), लीमा (पेरू की राजधानी), क्वीटो (इक्वेडोर की राजधानी) काराकास (वेनेजुएला की राजधानी) आदि नगर महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र हैं । यहाँ से भी आयात-निर्यात होता है ।

प्रमुख निर्यातक वस्तुएँ:

कहवा, कपास, कच्चा लोहा, लकड़ी, चीनी, तम्बाकू, पेट्रोलियम, ऊन, मांस, चमड़ा, बाक्साइट, शोरा, चाँदी, केला, कोको आदि ।

प्रमुख आयातक वस्तुएँ:

मशीनें, उपकरण, रसायन, कोयला, वस्त्र, दवाइयाँ, वाहन, खाद्यान्न आदि ।

जनजीवन:

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में कुल 15 देश हैं । महाद्वीप की जनसंख्या 37 करोड़ 18 लाख से अधिक है । महाद्वीप की कुल जनसंख्या की लगभग आधी अर्थात् 18 करोड़ 61 लाख केवल ब्राजील में निवास करती

है । महाद्वीप की जनसंख्या का औसत घनत्व 21 व्यक्ति प्रति वर्ग कि॰मी॰ है । घनी आबादी वाले क्षेत्र समुद्र तटीय भागों में अधिक हैं ।

सबसे घनी जनसंख्या 47 व्यक्ति प्रति वर्ग कि॰मी॰ इक्वेडोर में है । महाद्वीप में धनी लोगों की संख्या कम और गरीब मजदूरों की अधिक है । अधिकतर लोग ग्रामों में निवास करते हैं । महाद्वीप में अमेरिकन, इंडियन, अश्वेत और यूरोपीय प्रजातियों के लोग रहते हैं । इन प्रजातियों के मिश्रण से बनी प्रजातियों की संख्या भी अधिक है । इसमें इंडियन और यूरोपियन के मिश्रण से बनी मेस्टीजो प्रजाति के लोगों की संख्या सबसे अधिक है ।

दक्षिण अमेरिका में रहने वाले लोग अनेक भाषाएँ बोलते हैं । इनमें पुर्तगाली, जर्मन, स्पेनिश, इटेलियन और अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या अधिक है । सुरीनाम में भारतीय लोग अधिक रहते हैं जो हिन्दी बोलते

हैं । महाद्वीप के अधिकांश लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं, जिनमें रोमन कैथोलिक अधिक हैं ।