Read this article in Hindi to learn about the various degrees of income elasticity of demand for a commodity.

(1) इकाई से अधिक (ey > 1) (Elasticity Greater than Unit):

इसका अभिप्राय है कि उपभोक्ता अपनी आय वृद्धि से अधिक अनुपात में माँग में वृद्धि करता है ।

अर्थात्,

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चित्र 14 (A) में ey > 1 की स्थिति को स्पष्ट किया गया है । इस प्रकार की आय लोच विलासिता की वस्तुओं में पायी जाती है ।

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(2) इकाई के बराबर (ey = 1) (Unitary Elasticity):

इस दशा में उपभोक्ता आय की वृद्धि अथवा कमी अनुपात में वस्तु की माँग में वृद्धि अथवा कमी करता है ।

अर्थात्,

चित्र 14 (B) में ey = 1 की स्थिति को दिखाया गया है ।

(3) इकाई से कम आय लोच (ey < 1) (Income Elasticity Less than Unit):

आवश्यक वस्तुओं में आय लोच इकाई से कम (किन्तु शून्य से अधिक) होती है क्योंकि आय की वृद्धि से कम अनुपात में उपभोक्ता इन वस्तुओं की माँग में वृद्धि करता है ।

अर्थात्,

इसे चित्र 14 (C) में दिखाया गया है ।

(4) शून्य आय लोच (Zero Income Elasticity):

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आय का परिवर्तन जब वस्तु की मात्रा में कोई परिवर्तन उत्पन्न नहीं करता तब आय लोच शून्य के बराबर हो जाती है । अति आवश्यक वस्तु (जैसे – नमक) इस श्रेणी में आती है ।

इसे चित्र 14 (D) में प्रदर्शित किया गया है ।

(5) ऋणात्मक आय लोच (Negative Income Elasticity):

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निम्न कोटि की वस्तुओं में आय लोच ऋणात्मक होती है क्योंकि ऐसी वस्तुओं के उपभोग की मात्रा उपभोक्ता की आय में वृद्धि के साथ घटती जाती है ।

अर्थात्,

निम्न वस्तुओं से सम्बन्धित माँग की आय लोच (ey < 0) चित्र 14 (E) में प्रदर्शित की गयी है ।