Read this article in Hindi to learn about the main reasons for the variations in the demand curve, with the help of suitable diagrams.

(A) माँग का विस्तार अथवा संकुचन (Extension or Contraction of Demand):

जब माँग में परिवर्तन केवल कीमत में परिवर्तन के कारण होता है तब ये परिवर्तन एक ही माँग वक्र पर घटित होते हैं । इस प्रकार के परिवर्तन माँग का विस्तार (Extention of Demand) एवं माँग का संकुचन (Contraction of Demand) उत्पन्न करते हैं ।

‘अन्य बातों के समान रहने पर’ किसी वस्तु की कीमत में कमी के कारण उत्पन्न माँग में वृद्धि को ‘माँग का विस्तार’ कहते हैं तथा वस्तु की कीमत वृद्धि के कारण उत्पन्न माँग की कमी को ‘माँग का संकुचन’ कहते हैं ।

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यहाँ एक बात स्मरणीय है कि ‘माँग का विस्तार’ एवं ‘माँग का संकुचन’ सदैव एक ही माँग वक्र पर उपस्थित होते हैं ।

चित्र 8 में ‘माँग का विस्तार’ एवं ‘माँग का संकुचन’ दिखाया गया है । प्रारम्भिक वस्तु कीमत PQ है । जब कीमत PQ से बढ़कर P1Q1 हो जाती है तब वस्तु की माँग OQ से घटकर OQ1 रह जाती है । Q से Q1 की अवस्था ‘माँग के संकुचन’ (Contraction of Demand) को प्रदर्शित कर रही है ।

इसी प्रकार वस्तु की कीमत जब PQ से घटकर P2Q2 रह जाती है तब वस्तु की माँग OQ से बढ़कर OQ2 हो जाती है । Q से Q2 तक गमन ‘माँग के विस्तार’ (Extension of Demand) को सूचित करता है । उपर्युक्त विश्लेषण से स्पष्ट है कि माँग का विस्तार एवं माँग का संकुचन दोनों एक ही माँग वक्र DD पर उपस्थित हो रहे हैं ।

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(B) माँग में वृद्धि अथवा कमी (Increase or Decrease in Demand):

अथवा

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माँग वक्र का खिसकाव (Shifting of the Demand Curve):

यदि वस्तु की कीमत में परिवर्तन न होने पर अन्य तत्वों के प्रभाव के कारण कीमत स्थित रहते हुए भी माँग में परिवर्तन हो जाता है तब माँग में वृद्धि (Increase in Demand) अथवा माँग में कमी (Decrease in Demand) की दशा उत्पन्न होती है ।

निम्नलिखित तत्वों के कारण माँग में वृद्धि अथवा कमी हो सकती है:

i. उपभोक्ता की आय में परिवर्तन;

ii. वस्तु की उपयोगिता में परिवर्तन;

iii. सम्बन्धित वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन;

iv. रुचि, फैशन आदि में परिवर्तन;

v. भविष्य में कीमत परिवर्तन की आशंका ।

माँग में वृद्धि अथवा कमी एक ही माँग वक्र पर नहीं होती बल्कि ‘माँग में वृद्धि’ की दशा में माँग वक्र दायें स्थानान्तरित हो जाता है और ‘माँग में कमी’ की दशा में माँग वक्र बायें की ओर स्थानान्तरित हो जाता है ।

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इस स्थिति को चित्र 9 में प्रदर्शित किया गया है ।

चित्र 9 के खण्ड A में माँग की वृद्धि को तथा खण्ड B में माँग की कमी को दिखाया गया है । दोनों ही स्थितियों में वस्तु कीमत स्थिर रहते हुए भी माँग की मात्रा क्रमशः बढ़ एवं घट रही है । चित्र A में Q से Q1 तक प्रस्थान ‘माँग में वृद्धि’ को बताता है तथा चित्र B में Q से Q2 तक गमन ‘माँग में कमी’ को बताता है ।